समय 2:38pm हार्दिक लिखा है। फिर से हार्दिक रात में खो गया है। समय 2:38pm हार्दिक लिखा है। फिर से हार्दिक रात में खो गया है।
वो तड़पने के दिन, भुलाये नहीं भुलती, वो कोरोना के दिन। वो तड़पने के दिन, भुलाये नहीं भुलती, वो कोरोना के दिन।
फूल माला समर्पित हमारी उन्हें जिसने खून दे दिया है चमन के लिए. फूल माला समर्पित हमारी उन्हें जिसने खून दे दिया है चमन के लिए.
तुम्हें पाने कि चाह हद से ज़्यादा है।। तुम्हें पाने कि चाह हद से ज़्यादा है।।
ये दुनिया ग़र बने दुश्मन, तो मैं परवा नहीं करती..! ये दुनिया ग़र बने दुश्मन, तो मैं परवा नहीं करती..!
तू तो हमकदम था,तू कब साया बन गया... मेने कब अजनबी कहा,तू क्यो पराया बन गया... तू तो हमकदम था,तू कब साया बन गया... मेने कब अजनबी कहा,तू क्यो पराया बन गया...